Tuesday, October 25, 2011

मंगलमय फुलझरियाँ छूटें

दीपावलि की सघन अमा में
घर आँगन और दिशा दिशा में
अंतस की हर गहन गुफ़ा से
खुशियों के स्वर फूटें
मंगलमय फुलझरियाँ छूटें

सजें मुँडेरें दीपदान से
हर आँगन हल्दी औ धान से
लक्ष्मी चरण चिह्न दरवाज़े
सभी अपशकुन टूटें
मंगलमय फुलझरियाँ छूटें

नव संवत नव लोक नई ऋतु
सखा बंधु परिवार मात-पितु
सुख समृद्धि सुशोभित जन-गण
पुण्य अनगिनत लूटें
मंगलमय फुलझरियाँ छूटें

-पूर्णिमा वर्मन

13 comments:

vandana gupta said...

दीपावली पर्व पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं

Anamikaghatak said...

दीपावली पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं

प्रवीण पाण्डेय said...

दीवाली मंगलमय हो।

सदा said...

दीपोत्‍सव की शुभकामनाओं के साथ्‍ा बधाई ।

अनुपमा पाठक said...

सुन्दर रचना!
दीपपर्व की शुभकामनाएं!

रेखा said...

दीपावली की शुभकामनाएँ

Rakesh Kumar said...

सुन्दर शब्द,अनुपम भाव.
आपकी प्रस्तुति लाजबाब है विवेक जी.

दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.

समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा.

डॉ. मोनिका शर्मा said...

दीपोत्सव की शुभकामनायें

रेखा said...

दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.

रेखा said...

दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.

Vaanbhatt said...

दीपावली के अवसर पर ज्योतिर्मय रचना...शुभ दीपावली...

संगीता पुरी said...

मंगलमय फुलझरियां छूटे ..
.. आपको दीपोत्‍सव की शुभकामनाएं !!

G.N.SHAW said...

बहुत सुन्दर ! दीपावली के शुभ बेला पर --दीपावली की शुभ कामनाएं !