Thursday, April 14, 2011

कहां रहेगी चिड़िया

कहां रहेगी चिड़िया ?
आंधी आई जोर-शोर से
डाली टूटी है झकोर से
उड़ा घोंसला बेचारी का
किससे अपनी बात कहेगी
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी ?
घर में पेड़ कहाँ से लाएँ
कैसे यह घोंसला बनाएँ
कैसे फूटे अंडे जोड़ें
किससे यह सब बात कहेगी
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी ?
-महादेवी वर्मा

10 comments:

Arvind Mishra said...

मानव करुणा जब समष्टि के साथ समन्वित हो जाती है तो ऐसी कालजई कृतियाँ सामने आती हैं !

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

bahadevi varma ki ki khoobsurat kavita pesh karne ke liye haardik aabhaar!!

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत ही स्पष्ट। आभार।

Patali-The-Village said...

महादेवी बर्मा जी की खूबसूरत कविता के लिए धन्यवाद|

Madhusudan Jhaveri said...

विवेक जैन जी, आपकी टिप्पणी जो प्रवक्ता पर छपी थी, वहांसे यह कडी जुडी। बहुत अच्छा हुआ। सुंदर वेब साईट के लिए बधाई।

Vivek Jain said...

आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद प्रोत्साहन के लिये.
विवेक जैन

Unknown said...

Abhaar....
bahut badiyaa

blogtaknik said...

अच्छी कविता प्रकृति का विनाश मतलब हमारा विनाश

Amrita Tanmay said...

prasangik,kaljayi rachana. varma ko naman..

संजय भास्‍कर said...

खूबसूरत कविता के लिए धन्यवाद|